Bhagat Singh Status 2020
शेर टंगे गए फांसी पर , और गीदड़ बनगए राजा!
एक क्रान्ति की होर जरूरत है, मेरे भगतसिंह वापिस आजा
इश्क़ करना हमारा पैदायशी हक़ है ,
तो क्यों न वतन ए मिट्टी को अपना महबूब बना लें..
भगतसिंह
भगतसिंह जिंदा है…
हर हिन्दुस्तानी के दिल में
इतिहास में गूँजता एक नाम हैं भगतसिंह
शेर की दहाड़ सा जश था जिसमे वे थे भगतसिंह
छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हुए जवान थे भगतसिंह
आज भी जो “रोंगटे खड़े करदे ऐसे विचारो के धनि थे भगत सिंह”
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं।
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान हैं
मेरे एक दोस्त ने मुझे प्रार्थना करने को कहा..
जब मैंने उसे नास्तिक होने की बात बताई तो उसने कहा,
‘अपने अंतिम दिनों में तुम विश्वास करने लगोगे’
मैंने कहा, ‘नहीं, प्यारे दोस्त, ऐसा नहीं होगा…
मैं इसे अपने लिए अपमानजनक तथा भ्रष्ट होने की बात समझता हूं..
‘स्वार्थी कारणों से मैं प्रार्थना नहीं करूंगा’
भगतसिंह
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Bhagat Singh Attitude Status in Hindi
ज़िन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है,
दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
भगतसिंह आज़ादी के परवाने
2 अक्टूबर होता तो राष्ट्रीय छुट्टी होती,
नेहरू का जन्मदिवस होता तो बाल दिवस मनाया जाता,
23 March की किसे पड़ी है!
उन जज्बातो की कद्र किया करते है
जिनमे गाँधी नही भगतसिंह हुआ करता है
अपने मन को समझाऊँ मैं कैसे ? मंगल गीत गाऊँ मै कैसे ?
भगतसिंह को फाँसी पर चढ़ा दिया जिनहोने, उनका नववर्ष मनाऊँ मै कैसे ?
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से
अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है !!
सैल्यूट ऑफ भगत
ऐसे ही किसी बहादुर ने क्या खूब कहा है
हम बदले है तो निजाम बदल जाते है
सारे मंजर सारे आजम बदल जाते है
कोंन कहता हैं भगतसिंह फिर पैदा नहीं होते
पैदा तो होते हैं बस नाम बदल जाते है
Bhagat Singh Status in Hindi
वो इश्क का आलम भी गजब रहा होगा …..!
राझाँ” जिसमे भगतसिंह” और “हीर” जिसमे “आज़ादी” रही होगी……!!
जय_हिन्द
मेरी नजर में हर उस शख्स में भगतसिंह जी जैसा क्रांतिकारी नजर आता है,
जो भारत के लिए जनसख्या बढोत्तरी और आरक्षण जैसी गम्भीर समस्या को खत्म करने के लिए आवाज उठाता हैं,
भगतसिंह जी ने भी कलम से ही सुरुवात की थी🙏
जनसंख्या व्रद्धि से पूरा भारत परेशान है और आरक्षण का दर्द केवल वो नौजवान ही समझ सकता है
जिसने 80%नम्बर पाकर 60% वाले के आगे सिर झुकाया हो,
जरा पूछो उन मा-बाप से जिन्होंने बच्चे की पढ़ाई के लिए जमीन भी बेंच दी
और अंत मे उनकी औलाद ने बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या कर लिया हो 🙏
भगतसिंह की पुण्यतिथि पर लाल रंग की होली हो,
जो भारत की जय ना बोले उसकी छाती में गोली हो।
भारत माता के वीर सपूत शहीद-ए-आज़म भगतसिंह, राज गुरु और सुखदेव के शहादत दिवस पर उन्हें नमन!!
मरते मरते शहीद राजगुरु लिख गए हम भी जी सकते थे,
चुप रहकर और हमे भी माँ बाप ने पाला था दुःख सहकर!”
सीने में भगतसिंह, माथे पर हिन्दुस्तान रखते है
दुश्मनो के लिए बगल में कब्रिस्तान रखते है….
⛳⛳भारत माता की जय⛳
#पढ़ रहा हूँ इश्क ए इंकलाब की किताब
अगर बन गया भगतसिंह तो दुश्मनो तुम्हारी खैर नही
Bhagat Singh Desh Bhakti Shayari in Hindi
जर्जर ईटो से तुम कब तक, भला रोक सकोगे आँधी को
सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को
क्यूँ इतिहास छिपा रखा है, बोलो सन् सत्तावन का
गाँधी का फोटो छापा क्यूँ नोटो पर मरणासन्न का
रस्सी तुमने ढूँढ निकाली बकरी वाली गाँधी की
भगत की रस्सी कब ढूँढोगे, जिसपर उसको फाँसी दी
गाँधी-नेहरू के जन्म-मरण पर तुम छुट्टी दे देते हो
भगत-चन्द्र की बात करूँ तो क्यूँ चुप्पी ले लेते हो
अंधे सत्ता के रखवाले पीतल कर देंगे चाँदी को
सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को
#भगतसिह अमर रहे
सच्चे शब्दों में सच के अहसास लिखूंगा
वक्त पढे जिसको कुछ इतना खास लिखूंगा
गीत गजल मुझ पर लिखेंगे लिखने वाले
मैंने बंदूक उठाई तो इतिहास लिखूंगा
जय हिन्द!!
वन्दे मातरम् !
इंकलाब जिन्दावाद***
कैसे दूं श्रद्धांजलि मेरे देश के टुकड़े करने वाले को,
रोक न सका था जो फांसी आज़ादी लाने वाले की भले ही गांधी की धोती,
तेरे खातिर गहना था मुझे दिखा दो बस वो फंदा, जिसे भ़गतसिंह ने पहना था
नौजवान जब उठते हैं तो निजाम बदल जाते हैं
भगतसिंह तो आज भी पैदा होते हैं बस नाम बदल जाते हैं
हालात-ए-मुल्क देख के रोया न गया,
कोशिश तो की पर मूंह ढक के सोया न गया..
जाने कितने झूले थे फाँसी पर कितनो ने गोली खाई थी,
क्यो झूठ बोलते हो साहब कि चरखे से आजादी आई थी..
भले ही गांधी की धोती तेरे खातिर गहना था,
मुझे दिखा दो बस वो फंदा जिसे भगतसिंह ने पहना था..
जह हिन्द
ज़माने भर मे मिलते है आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों मे भी लिपट कर,सोने मे सिमटकर मरे है कई मगर,
तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता
भगतसिंह
Shaheed Bhagat Singh Shayari in Hindi
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत,
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी ।
शहीदेआज़म भगतसिंह जी की जयंती पर
भले ही गांधी की धोती,तेरी खातिर गहना था।
मुझे दिखा दो बस वो फंदा,जिसे
भगतसिंह ने पहना था।।
चलो मान लिया कि चरखे ने ही
अंग्रेजो को पटका था।
पर हमको दे दो वो पावन रस्सी,जिस पर मेरा बिस्मिल लटका था।।
हम मान रहे कि नेहरु ने ही,
भारत आजाद कराया था।
पर हमें सुना दो फिर वो धुन,जिसे राजगुरू ने गाया था।।
चलो आजादी के महायुद्ध में,सारा कार्य तुम्हारा था।
पर हमें दिला दो वो अन्तिम गोली,
जिससे शेखर ने खुद को मारा था।।
भारतमाता_की_जय।।
शहीद भगतसिंह की जय।।
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
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Very nice
शेर टंगे गए फांसी पर , और गीदड़ बनगए राजा!
एक क्रान्ति की होर जरूरत है, मेरे भगतसिंह वापिस आजा
में क्यों सम्मान करु गांधी की सीखो का
में तो रोम रोम कर्जदार हु मेरे भगत सिंह की चीखो का
Jai hind by Amit Chaudhary Jat
Inquilab jindabad